रामचरितमानस ही नहीं, महाभारत भी ज्योति षशास्त्र का प्रयोगशा ला है .. एक सूत्र महाभारत से .. दुर्योधन की बुद्धि जिसके साथ हो उसके जैसी हो जाए .. माँ गाँधारी ने कहा,तुम निर्वस्त्र होकर आना ,मैं आँखों से पट्टी उतार कर तुम्हें देखूंगी,तो तुम्हारा शरीर बज्र जैसा हो जाएगा। दुर्योधन ने वैसा ही किया।जब निर्वस्त्र होकर जाने लगा तब श्रीकृष्ण मिल गए ।पूछा,ऐसे कहाँ जा रहे हो ? दुर्योधन ने उन्हें सारी बात बताई।श्रीकृष्ण ने कहा,माँ ने ममता वश कहा,पर तुम तो कुछ खयाल करो । कम से कम कटि भाग को त ो और कुछ नहीं तो फूलों के वस्त्र से ही ढ़क लो । दुर्योधन ने फिर ऐसा किया। ज्योतिषशास्त्र में .. बुध जिस ग्रह के साथ रहता है वैसा ही व्यवहार करता है ।