ग्रहों की जुगलबंदी और हम
नया साल आने में बस चन्द रोज बाकी हैं।नये साल (2016) के आते ही ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो ग्रहों के बीच किसी प्रकार की जुगलबंदी होनी शुरू हो गई है और इसके माध्यम से वे अपनी बात हम तक पहुंचा रहे हैं। बुध जहाँ वक्री होकर मंगल से दृष्ट हो रहा है वहीं राहु राशि परिवर्तन करके सिंह राशि में आ रहा है। राहु के सिंह राशि में आते ही,देवगुरू बृहस्पति,जो कन्या राशि में जाने की तैयारी में हैं ,राहु को देखकर कुछ और समय राहु के साथ सिंह राशि में ही रहने का मन बनाया है वक्री होकर। इन दोनों के इस साथ पर शनि की दृष्टि रहेगी। 15 जनवरी को वक्री बुध मकर से धनु में आकर जहाँ मंगल की दृष्टि से बचेंगे वहीं 16 जनवरी को सूर्य धनु से मकर में जाकर मंगल से दृष्ट हो जाएंगे। ग्रहों का एक दूसरे के साथ होकर,एक दूसरे से दृष्ट होकर, राशि परिवर्तन करके हमें कुछ बताना चाह रहे हैं। ग्रहों के इस संकेत को साथ मिल रहा है बादलों का। बादल अलग अलग आकृतियाँ उकेर कर ग्रहों द्वारा दिए गए संकेत को बल प्रदान कर रहे हैं। विगत दो दिनों से बादल में ऊँ तथा शुभलाभ की विकृत आकृति दिखायी दे रहा है। 1 - किसी बड़े धार्मिक कट्टरता,धार्मिक ...