2016
2015 /2016 में ग्रहों ने कई महत्वपूर्ण संकेत दिए थे जिसकी चर्चा हमने April '2015 में ही की थी। सब कुछ वैसे ही घटित हो रहा है। इससे ज्योतिष शास्त्र की महत्ता प्रतिपादित होती है।
2015/ 2016 के चैत्र शुक्ल प्रतिपदा कुंडली, सूर्य संक्रांति कुंडली, पक्ष कुंडली,राशि तथा नक्षत्र संघट एवं कूर्म चक्र से कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के संकेत मिलते हैं जो निम्नलिखित हैं -
1 - दिसम्बर का महीना फ्रांस के लिए पुनः हिंसक घटनाओं में वृद्धि करता हुआ प्रतीत होता है। Hollande किसी बड़ी राजनैतिक साजिश के शिकार होते हुए प्रतीत होते हैं। फ्रांसिसी साहित्यकार एवं पत्रकार / कलाकार के साथ फिर किसी अप्रत्याशित घटनाओं का संकेत मिलता है।
2 - मार्च 2016 में, अफगानिस्तान ,पाकिस्तान,कश्मीर,दिल्ली,ओड़िशा,बिहार,नेपाल और चीन में रिक्टर स्केल पर 6* से 7* की तीव्रता वाले भूकंप की संभावना है।
3 - मार्च 2016 में ही England,Denmark,Germany,Palestine,Poland तथा Syria में हिंसक एवं आतंकी गतिविधियों की संभावना है।
4 - अप्रैल 2016 में अमेरिका में आंतरिक असंतोष तथा अमरीका/अमेरिकीसंस्थाओं में आतंकी हमले का संकेत है।
5 - अमेरिका में कुछ ऐसे disastrous campaign के चलाए जाने का भी संकेत है जिसके कारण आम लोगों के बीच गुस्सा भड़केगा और इसका विरोध किया जाएगा।
6- अमेरिकी विदेश नीति एवं आर्थिक नीति में महत्वपूर्ण बदलाव पर बहस का भी संकेत है।
7 - मई 2016 का महीना Syria के लिए तथा वहाँ की सरकार के लिए खतरे का समर्थन करता हुआ प्रतीत होता है। Interconnected conflicts बढ़ते हुए प्रतीत होते हैं। सीरिया के सन्दर्भ में एक जो महत्वपूर्ण संकेत मिल रहे हैं वो ये की वहाँ के सुन्नी मुसलमानों का बाहर के सुन्नी मुसलमानों के साथ किसी समझौते का ।
8- जून / जुलाई 2016 का महीना, जब मंगल वृश्चिक राशि से तुला राशि में जाएगा वक्री फिर मार्गी और पुनः वृश्चिक राशि में प्रवेश, इतिहास फिर साक्षी बनेगा विश्व राजनीति के रक्त रंजीत अध्याय का।
9 - अगस्त / सितंबर 2016 का महीना भारत ही नहीं बल्कि विश्व राजनीति के इतिहास में प्राकृतिक आपदा के साथ साथ आतंकी एवं हिंसक घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि करनेवाले महीने के रूप में दर्ज होने वाला है। इस समय बृहस्पति एवं शुक्र अतिचारी होने के समय साथ conjunct होंगे तथा शनि ,मंगल समान अंशों में होकर राहू से केंद्र में होंगे। अच्छी बात यह कि शनि वक्री नही है । इसलिए विश्व में हाहाकार तो नहीं मचेगा पर युद्ध जैसी स्थिति तो अवश्य तैयार हो जाएगा।
10- 2015 की तरह साल 2016 भी वित्तीय और न्यायिक क्षेत्रों में व्यापक बदलाव का संकेत देता है। बाज़ार की स्थिति भी कमोवेश अस्थिर बने रहने का संकेत है।
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