SIMPLE ASTROLOGY
ग्रहों ने विश्व इतिहास में दर्ज होने वाले रक्त रंजित अध्याय की पूर्व
सूचना हमें दे दी थी। आगे आने वाले समय में भी इससे निजात नहीं
मिलता,यह भी संकेत ग्रहों ने दिए,जिसकी चर्चा पहले हो चुकी है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी स्थिति आगे कबतक ?
अभी यहाँ कुछ बिंदूओं पर चर्चा,सिर्फ भारत के सन्दर्भ में।
साल 2017 ,सूर्य का मिथुन संक्रांति
1- किसी राजनेता के विरुद्ध षड्यंत्र या राजनैतिक हत्या का संकेत।
2- न्यायिक प्रणाली में व्यापक बदलाव का संकेत।
3- धार्मिक उन्माद की ओर संकेत। धर्म से जुड़े मामलों को भावनात्मक
रूप देने का प्रयास।
साल 2018,सूर्य का तुला संक्रांति
1 - बड़े पैमाने पर infrastructure की हानि का संकेत।
( 2018 वैसे भी भूकंप/आगजनी/तूफान के साथ साथ केदारनाथ जैसी घटना (लेकिन तीव्रता उतनी नहीं )
( 2018 वैसे भी भूकंप/आगजनी/तूफान के साथ साथ केदारनाथ जैसी घटना (लेकिन तीव्रता उतनी नहीं )
घटने का संकेत देता है । साथ ही साथ, 2018 एक और भी संकेत देता है, खेतीहरों और मजदूरों का सरकारी नीतियों से आक्रामक विरोध प्रदर्शन का ।
2 - देश में धर्म के नाम पर पुनर्विभाजन की संभावना।इसकी भूमिका 2017 में ही तैयार हो
2 - देश में धर्म के नाम पर पुनर्विभाजन की संभावना।इसकी भूमिका 2017 में ही तैयार हो
जाएगी।राज्यों में अलगाववादी संघटनों की आवाज तेज होने का संकेत।
अलग राज्य के मांग की भी संभावना।
साल 2019,सूर्य का वृषभ संक्रांति/मिथुन संक्रांति
2015 में जिस हिंसक कहानी की भूमिका तैयार हुई है,उसका उपसंहार इस साल ।
यह साल लोकसभा चुनाव का भी साल है। सरकार के लिए,बहुत कठिन है डगर पनघट की,ऐसा संकेत। सहयोोगियों की मदद लेनी पड़ सकती है ।15 से मई 20 तथा जून 17 से जून 21
के बीच का समय ,सरकार के लिए काफी निर्णायक।
Sir,
ReplyDeleteI know you are too good. My only wish is - Let you be wrong this time. The scenario painted is frightening. Please don't mind about my wish. I am saying that as a peace loving Indian.
मेरी खुद की भी यही इच्छा है और ईश्वर से यही प्रार्थना की ये गलत साबित हो। Regards
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