VEDA AND ASTROLOGY
अथर्ववेद से ज्योतिषशास्त्र को समझने में मददगार बातें -
सूर्य और चंद्र ...
1- अदिति के दो पुत्र
2- आकाशीय दंपति
Northern hemisphere - देव भाग
Southern hemisphere - असुर भाग
Vernal equinox - स्वर्ग द्वार
स्वर्ग द्वार अग्नि और स्वाहा के बीच में।
कर्कट = दशरथ
इस कथन से भगवान राम के जन्म नक्षत्र की जानकारी मिलती है।
दशरथ के बड़े पुत्र राम - जन्म नक्षत्र पुनर्वसु ( कर्कट राशि में 00*00' से
3*20'तक पुनर्वसु नक्षत्र),फिर भरत ,जन्म नक्षत्र पुष्य ।
Sir,
ReplyDeleteYour description is Cryptic. It appears to me that what you are telling is of utmost importance. But I am unable to understand it.
Vernal Equinox point keeps changing. How do we relate Swaha with any astrological entity ?
Please do explain in details.
regards
Chakraborty
सर ,ये अथर्ववेद में कही गई बातें हैं।इनकी गुढ़ता को ही तो समझने का हम प्रयास कर रहे हैं।जैसे कि सूर्य और चंद्रमा ..आपस में भाई (पुरूषवाचक) भी और पति/पत्नी (स्त्रीवाचक/पुरूषवाचक दोनों)
Deleteप्रकृति के इन रहस्यों को समझने की यात्रा जारी है। कुछ समझ में आते ही साझा करूँगी।
Regards
Krishna
Dear Sir,
DeleteIn my very limited understanding,
V.E = Starting of year when day duration = Night duration
Agni = Starting point of Zodiac. As VE is about Sun at the starting point of Zodiac.
Swaha = Ending point in any shloka, hymn. Probably ending point of Zodiac here.
Dasharath = Rath may also mean rays. But relation with Karkata is not clear.
regards
Chakraborty
शुक्रिया सर जानकारी के लिए।
DeleteRegards
Krishna