Ramcharitmanas

रामचरितमानस के उत्तरकांड के शुरुआती श्लोक में से ही एक श्लोक की शुरुआत इन पंक्तियों से होती है - "कुन्दइन्दुदरगौड़सुन्दरं अम्बिकापतिमभीष्टसिद्धिदम् ।"
यहाँ भगवान शिव के गौड़ वर्ण होने की बात कही गई है।
कुंद - एक प्रकार का सफेद फूल
इन्दु - चंद्रमा ( रंग सफेद )
दर - शंख ( रंग सफेद )
अब यहाँ प्रश्न यह उठता है कि एक ही वर्ण को समझाने के लिए इतने सारे नामों की चर्चा क्यों। ? एक नाम भी तो लिखा जा सकता था ।
इसमें थोड़ा और अंदर जाने का प्रयास करें तो देखेंगे -
कुंद - फूल - पृथ्वी तत्व
इंदु - चंद्रमा - आकाशीय तत्व
दर - शंख - वायु तत्व
अर्थात् अलग अलग तत्वों की चर्चा ,अलग अलग tools के द्वारा।
आध्यात्मिक रहस्य हमेशा सांकेतिक होते हैं।
इसी प्रकार ज्योतिषशास्त्र में भी एक ही चीज़ को समझने के लिए हमारे पास कई अलग अलग tools हैं ,जो एक दृष्टि में तो सामान्य से दिखते हैं पर जब उसके भीतर प्रवेश करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं तो ये अपने अंदर से संभावनाओं का पिटारा खोल देते हैं।

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