RAMCHARAITMANAS AND ASTROLOGY
रामचरितमानस और ज्योतिष ..
अलंकार,आचार्य और यहाँ तक की कभी कभी research की क्लास में भी ऐसे सवाल पूछे जाते हैं कि एक ही ग्रह , अलग अलग भावों के स्वामित्व के साथ, कैसा व्यवहार करते हैं ?
उत्तर रामचरितमानस में " ग्रह भेषज जल पावन पट पाइ कुजोग सुजोग "
अर्थात् जल को कड़वी चीज में मिला दो तो कड़वा बन जाए,जल को मीठे में मिला दो तो मीठा बन जाए।
पवन दुर्गंध में जाए तो दुर्गंध और पवन सुगंध में जाए तो सुगंध।
पवन दुर्गंध में जाए तो दुर्गंध और पवन सुगंध में जाए तो सुगंध।
कितनी सरलता से इस गूढ़ता को उजागर किया है।
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