Observational Research..
सप्तांश ( D/7 )..
एक ज्योतिषीय यात्रा..
परिवर्तन से रुपांतरण तक ..
पिछले दिनों सागर की चर्चा करते करते यह विचार कौंधा कि सागर में जब इतना विकार है फिर वह भगवान का शयन स्थल कैसे ?? गौर करने पर पाया कि यह सागर नहीं, क्षीर सागर है । क्षीर शब्द के आते ही सप्तांश ध्यान में आया, जहाँ सातों विभाजन को ( सम / विषम नंबर के आधार पर) एक एक नाम दिया गया है ।
( मैने इन नामों तथा गुणों के आधार पर इनसे अलग अलग ग्रहों को जोड़ा है । इन दिए गए नामों के परिदृश्य में सप्तांश में न सिर्फ भौतिक स्तर पर चीजों को विश्लेषित किया है वरन् आध्यात्मिक स्तर पर भी विश्लेषित किया ।दोनों स्तर पर परिणाम अद्भुत..
सातों विभाजन के नाम एवं ग्रह निम्नलिखित हैं..
शुद्ध जल - SUN
मद्ध - VENUS
ईक्षुरस - MERCURY
घृत - JUPITER
दधी - MARS
क्षीर - MOON
क्षार - SATURN
इनके सूक्ष्म अध्ययन से हम यह पाते हैं कि,यह हमें, भौतिक स्तर पर परिवर्तित करता हुआ आध्यात्मिक रूपान्तरण की ओर ले जाता है । परिवर्तन से रुपांतरण कैसे होगा?? आराम आराम से होगा या कष्टपूर्वक होगा ??इसका सटीक खाका खींच कर सामने रख देता है सप्तांश ।
परिवर्तन अर्थात् जनम -मरण - जनम के चक्र में रहना..
रूपान्तरण अर्थात् मुक्त हो जाना ..
एक ज्योतिषीय यात्रा..
परिवर्तन से रुपांतरण तक ..
पिछले दिनों सागर की चर्चा करते करते यह विचार कौंधा कि सागर में जब इतना विकार है फिर वह भगवान का शयन स्थल कैसे ?? गौर करने पर पाया कि यह सागर नहीं, क्षीर सागर है । क्षीर शब्द के आते ही सप्तांश ध्यान में आया, जहाँ सातों विभाजन को ( सम / विषम नंबर के आधार पर) एक एक नाम दिया गया है ।
( मैने इन नामों तथा गुणों के आधार पर इनसे अलग अलग ग्रहों को जोड़ा है । इन दिए गए नामों के परिदृश्य में सप्तांश में न सिर्फ भौतिक स्तर पर चीजों को विश्लेषित किया है वरन् आध्यात्मिक स्तर पर भी विश्लेषित किया ।दोनों स्तर पर परिणाम अद्भुत..
सातों विभाजन के नाम एवं ग्रह निम्नलिखित हैं..
शुद्ध जल - SUN
मद्ध - VENUS
ईक्षुरस - MERCURY
घृत - JUPITER
दधी - MARS
क्षीर - MOON
क्षार - SATURN
इनके सूक्ष्म अध्ययन से हम यह पाते हैं कि,यह हमें, भौतिक स्तर पर परिवर्तित करता हुआ आध्यात्मिक रूपान्तरण की ओर ले जाता है । परिवर्तन से रुपांतरण कैसे होगा?? आराम आराम से होगा या कष्टपूर्वक होगा ??इसका सटीक खाका खींच कर सामने रख देता है सप्तांश ।
परिवर्तन अर्थात् जनम -मरण - जनम के चक्र में रहना..
रूपान्तरण अर्थात् मुक्त हो जाना ..
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