ग्रहण ,सत्य और भ्रम
एक महीने में दो ग्रहण ..एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण ( visible in USA )..
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कमरे के भीतर रहने की सलाह दी जाती है ..कहा जाता है कि इस समय वे ग्रहण को देखेंगी तो जन्म लेने वाला बच्चा खंड तालू ( cleft palate )लेकर पैदा होगा ..
क्या है cleft palate ..
Medically.." if someone has a cleft palate , they were born with a narrow opening along the roof of their mouth which makes it difficult for them to speak properly "
शास्त्र कहता है कि गर्भ धारण करने के सातवें/आठवें सप्ताह के दौरान ही cleft palate का निर्माण होता है।
Astrologically ..शास्त्रीय आधार हमें सूर्य और बृहस्पति के साथ द्वितीय भाव और छठे भाव की भूमिका की जांच करने की सलाह देता है।
गर्भ धारण के तीसरे महीने में पुंसवन संस्कार किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस समय में बृहष्पति की भूमिका अहम हो जाती है। इसी समय शास्त्र कुछ खास नक्षत्रों में तैयार किए गए आयुर्वेदिक उपचार से गर्भस्थ शिशु के लिंग परिवर्तन की विधि बतलाता है ।
अर्थात् गर्भ धारण किए तीसरा महीना जिनका बीत रहा है सिर्फ ऐसी गर्भवती महिलाओं को ही ग्रहण के दौरान कमरे के भीतर रहना चाहिए ..
अब महत्वपूर्ण सवाल यह कि USA की सारी वैसी महिलाएं जो गर्भावस्था के इस महीने से गुजर रही हैं अगर वो इस दौरान कमरे के भीतर नही रहीं तो क्या इन सारी महिलाओं के बच्चे CLEFT PALATE लेकर पैदा होंगे ????
जरूरत है.. शोध का ..
यह जानने का कि इसमें कितनी सच्चाई है ..
या यह निरा भ्रम है ..
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कमरे के भीतर रहने की सलाह दी जाती है ..कहा जाता है कि इस समय वे ग्रहण को देखेंगी तो जन्म लेने वाला बच्चा खंड तालू ( cleft palate )लेकर पैदा होगा ..
क्या है cleft palate ..
Medically.." if someone has a cleft palate , they were born with a narrow opening along the roof of their mouth which makes it difficult for them to speak properly "
शास्त्र कहता है कि गर्भ धारण करने के सातवें/आठवें सप्ताह के दौरान ही cleft palate का निर्माण होता है।
Astrologically ..शास्त्रीय आधार हमें सूर्य और बृहस्पति के साथ द्वितीय भाव और छठे भाव की भूमिका की जांच करने की सलाह देता है।
गर्भ धारण के तीसरे महीने में पुंसवन संस्कार किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस समय में बृहष्पति की भूमिका अहम हो जाती है। इसी समय शास्त्र कुछ खास नक्षत्रों में तैयार किए गए आयुर्वेदिक उपचार से गर्भस्थ शिशु के लिंग परिवर्तन की विधि बतलाता है ।
अर्थात् गर्भ धारण किए तीसरा महीना जिनका बीत रहा है सिर्फ ऐसी गर्भवती महिलाओं को ही ग्रहण के दौरान कमरे के भीतर रहना चाहिए ..
अब महत्वपूर्ण सवाल यह कि USA की सारी वैसी महिलाएं जो गर्भावस्था के इस महीने से गुजर रही हैं अगर वो इस दौरान कमरे के भीतर नही रहीं तो क्या इन सारी महिलाओं के बच्चे CLEFT PALATE लेकर पैदा होंगे ????
जरूरत है.. शोध का ..
यह जानने का कि इसमें कितनी सच्चाई है ..
या यह निरा भ्रम है ..
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