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Showing posts from June, 2018

एक ज्योतिषीय प्रयास  ...

देश की आंतरिक अस्थिरता, बाजार  और मौसम के हर रोज बदलते मिजाज के संकेत तो ग्रहों ने हमे पहले ही दे दिया है ,अब देश की आंतरिक अस्थिरता को लेकर कुछ sensitive समय का संकेत दिया है ग्रहों ने... 1- 25 जून रात आठ बजे से 26 जून सुबह चार बजे का समय ।   2 - 26 जून शाम छ: बजे से  27 जून  शाम आठ बजे का समय । 3 - 30 जून दोपहर एक बजे से रात के नौ बजे का समय । 4 - 2 जुलाई सुबह तीन बजे से ग्यारह बजे का समय । जगह.. सौराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली

Observational Research

महर्षि पराशर ने नक्षत्रों पर आधारित, लगभग 54 प्रकार की दशाओं का वर्णन किया है ,जिसने विंशोत्तरी दशा और षोडशोत्तरी दशा भी है । विंशोत्तरी दशा की शुरूआत के लिए पराशर कहते हैं "कृतिका नक्षत्र से गणना करनी चाहिए " अर्थात् सूर्य से शुरूआत । परन्तु व्यवहार में शुरुआती गणना की जाती है अश्विनी नक्षत्र से ,अर्थात् केतु से । षोडशोत्तरी दशा भी नक्षत्रों पर आधारित दशा है, लेकिन नक्षत्रों और उनपर आधारित दशा में मेल नहीं है । उदाहरण के लिए, अगर किसी का जन्म उत्तर अषाढ़ नक्षत्र में हुआ है तो दशा की शुरूआत चंद्र से होता है । अब यहाँ कैसे मेल करें ?? उत्तर अषाढ़, सूर्य का नक्षत्र है ,पर दशा कहता है चंद्र का ?? इसी तरह, अगर किसी का जन्म कृतिका नक्षत्र में हुआ है तो दशा की शुरूआत बुध से होता है । अब यहाँ कैसे मेल करें ?? कृतिका , सूर्य का नक्षत्र है ,पर दशा कहता है बुध का ?? जरूरत है वापस मुड़ने का.. सही इतिहास को जानने का.. निज शोध का..

कहीं अति वर्षा तो कहीं सूखे की स्थिति ।

पर्यावरण दिवस पर वृक्ष लगाए जाएं, पर ये वृक्ष पर्यावरण को बचाने में भागीदार तब हो सकेंगे, जब खुद बच पाएंगे अर्थात् इन्हे समुचित मात्रा में जल द्वारा सींचा जाएगा ।क्या कहते हैं मेघ ?? 29 मार्च को ग्रहों ने, मौसम विभाग द्वारा ,अच्छे मौनसून की खबर के बाद, मौसम विभाग की सूचना से पूर्ण रूप से तो नहीं पर आंशिक रूप से अपनी असहमति जताते हुए कहा था कि, मौसम विभाग ने अच्छे मौनसून का संकेत दिया है, पर ग्रहों के संकेत तो कुछ और है । ग्रहों के अनुसार इस साल, बारिश के काफी erratic होने क ा संकेत । जिस जगह पर उम्मीद न हो,वहाँ बारिश, कहीं अति वर्षा तो कहीं सूखे की स्थिति ।11 जून तक आँधी और तूफान की स्थिति । 26/27 जून, 30 जून 1/2 जुलाई, 10 से 15 जुलाई तेज बारिश का संकेत ।8 अगस्त तक बारिश का मिजाज काफी असंतुलित । जैसा कि हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं कि, बारिश की यह स्थिति तभी फलीभूत होगी ,जब इन्हे हवाओं का सहयोग मिलेगा । जहाँ जहाँ ये सहयोग होगा, तेज बारिश का संकेत । दिल्ली में फिलहाल तो हवाओं का सहयोग नही । मुश्किल से कुछ समय के लिए हवा का रुख बदलता है ।वरुण देव से प्रार्थना की अपना रुख बदलें और जेठ