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Showing posts from May, 2018

पाकिस्तान चुनाव , जुलाई 2018

ग्रहों के संकेत .. नवाज़ शरीफ की वापसी की तरफ इशारा कर रहे हैं .. PML-N and PPP coalition government..

Observational Research.. 

सप्तांश  ( D/7 ).. एक ज्योतिषीय यात्रा.. परिवर्तन से रुपांतरण तक .. पिछले दिनों सागर की चर्चा करते करते यह विचार कौंधा कि सागर में जब इतना विकार है फिर वह भगवान का शयन स्थल कैसे ??  गौर करने पर पाया कि यह सागर नहीं, क्षीर सागर है । क्षीर शब्द के आते ही सप्तांश ध्यान में आया, जहाँ सातों विभाजन को ( सम / विषम नंबर के आधार पर) एक एक नाम दिया गया है । ( मैने इन नामों तथा गुणों के आधार पर इनसे अलग अलग ग्रहों को जोड़ा है । इन दिए गए नामों के परिदृश्य में सप्तांश में न सिर्फ भौतिक स्तर पर चीजों को विश्लेषित किया है वरन् आध्यात्मिक स्तर पर भी विश्लेषित किया ।दोनों स्तर पर परिणाम अद्भुत..  सातों विभाजन के नाम एवं ग्रह निम्नलिखित हैं.. शुद्ध  जल - SUN  मद्ध  - VENUS ईक्षुरस - MERCURY घृत - JUPITER दधी - MARS क्षीर - MOON क्षार - SATURN  इनके सूक्ष्म अध्ययन से हम यह पाते हैं कि,यह हमें, भौतिक स्तर पर परिवर्तित करता हुआ आध्यात्मिक रूपान्तरण की ओर ले जाता है । परिवर्तन से रुपांतरण कैसे होगा??  आराम आराम से होगा या कष्टपूर्वक होगा ??इसका सटीक खाका खींच कर सामने रख देता है सप्त

Observational Research... 

Facebook/ WhatsApp पर मलमास/  अधिक मास से जुड़ी चर्चा पर ,वशिष्ठ सिद्धांत का जिक्र करते हुए सभी यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, वशिष्ठ सिद्धांत के अनुसार ,अधिक मास हर 32 महीना 16 दिन और 8 घटी ,अर्थात् 32 महीना 16 दिन 3 घंटा और 12 मिनट बाद आता है ।पर क्या हकीकत में ऐसा है  ??  उदाहरण  ..  साल 2015 में अषाढ़ का महीना अधिक मास का था और साल 2018 में, जेठ का महीना अधिक मास ।कितना समय हुआ  ??  वशिष्ठ सिद्धांत में दिए गए समय से कहीं अधिक ।   साल 2010 में वैशाख का महीना अधिक मास का था और साल| 2012 में भादो का महीना अधिक मास ।कितना समय हुआ ?? वशिष्ठ सिद्धांत में दिए गए समय से कहीं कम। इसी तरह कई ऐसे उदाहरण हैं  । सिर्फ ,नकल /Copy/Paste न की जाए .. जरूरत है हर सिद्धांत के खोज की,observation के कसौटी पर कसने की ,नए सिद्धांतों के सृजन का ...

शुक्र /बृहस्पति/शनि

शुक्र से बढ़कर राजनीति का जानकार कोई नहीं है । शनि, जनसमूह को दर्शाता है तो बृहस्पति, राजधर्म को । आज के समय में इन तीनों के बीच एक रोचक संबंध बना हुआ है । जहाँ एक ओर ,शुक्र (राजनीति के जानकार ), बृह स्प ति ( राजधर्म), और शनि ( जनसमूह). दोनों से दृष्ट है वहीं दूसरी ओर, शनि, बृहस्पति की राशि में है और बृहस्पति, शुक्र की राशि में । Polarisation of power का समय ।राजनीति, सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि वैश्विक परिदृश्य में भी नया मोड़ लेने की ओर अग्रसर । इस प्रक्रिया में 8/9 जून को शुक्र के साथ मंगल और केतु की सहभागिता, उग्रता प्रदान करता है । आक्रामक और कठोर कार्रवाई की स्थिति ।जल और थल दोनों जगह आक्रामक स्थिति । 26/27 june - तेज  बारिश और तूफ़ान की स्थिति 

Trust और Truth के साथ ज्योतिष की खोज...

आसान तो नहीं पर मुश्किल भी नहीं।Nick Davies द्वारा लिखित किताब Flat Earth News ,Rupert Murdoch के सत्ता बनाने की कहानी है। किस तरह अपना empire खड़ा करने के लिए वे सरकार का इस्तेमाल करते हैं। ज्योतिष के क्षेत्र में समसामयिक जान पड़ता है।हमें सिर्फ और सिर्फ अपने कद को बड़ा करना है,अपनी काबलियत से नहीं बल्कि सत्ता के करीब जाकर उसे इस्तेमाल करके। अच्छा संकेत नहीं है। सच के खोज में हमें सत्ता के करीब नहीं बल्कि हमारी जड़ो में लौटना होगा। अंग् रेजी छोड़कर संस्कृत को समझना पड़ेगा । रामचरितमानस और गीता के साथ साथ वेद और पुराण को अपना आधार बनाकर यात्रा की शुरुआत करनी होगी।राव सर ने बार बार देश , काल और पात्र की बात कही है।इसे हर वक़्त ध्यान में रखना होगा।शब्दों के सही मायने को समझना होगा । राम के काल में संतान जन्म के जिस व्यवस्था में ॠषि वशिष्ठ स्वयं न उतरकर श्रृंगी ॠषि को उतारते हैं वहीं कृष्ण के काल में व्यास स्वयं उस व्यवस्था में उतरते हैं।काल बदला,व्यवस्था में बदलाव हुआ। उसी तरह पराशर होरा शास्त्र में एक योग का वर्णन करते हुए डाकिनी शब्द का प्रयोग किया है।डाकिनी शब्द के सीधा सीधा अर्थ की व्य

SIMPLE ASTROLOGY

कर्नाटक के बाारे में ग्रहों ने पहले ही संंकेत दिया था अब आगे क्या ?  ग्रहों के अनुसार कहानी अभी पूरी नहीं हुई है । अभी तो खेेल शुरु हुुआ है । इंतजार अक्टूबर का ..चुुुुनावी खेेल का.. ग्रहों ने अक्टूबर / नवंबर में वित्तीय क्षेत्र में होने वाले उथल पुथल का संकेत हमें पहले ही दिया है . इसकी भूमिका 2 जून से बननी शुरू हो जाएगी .बैंको (सरकारी / प्राइवेट ), के सामने मुश्किल चुनौतियों के आने का संकेत . रुपये की स्थिति भी कमजोर . इसके साथ ही साथ एक और महत्वपूर्ण संकेत जो ग्रहों द्वारा मिल रहा है वह है 5 जून को, एक ओर जहाँ बाजार की अस्थिरता , वहीँ दूसरी तरफ सत्ता और न्यायपालिका के बीच बढ़ते तनाव का . हो सकता है , वित्तीय क्षेत्र से सम्बंधित मामलो को लेकर भी न्यायपालिका , सरकारी नीतियों से अपना असंतोष दिखाए . दस जून को किसी ऐसी घटना के घटने का संकेत, जिसकी वजह से सरकार/ शीर्षाधिकारी की स्थिति थोड़ी हास्यास्पद हो जाये .

कर्नाटक Election

 . yedurappa  जी .. 27-February-1943 / 3:01  अगर ये सूचना सही है ,तो इस बार कर्नाटक में , अपने दम पर सरकार बनाना मुश्किल दिखता  है . सरकार बनाने के लिए  सहयोगियों की मदद लेनी होगी

2018..अक्टूबर/ नवंबर का महीना..

एक तरफ देश जहाँ रोज एक न एक अजीबोगरीब मुद्दे में भटक रहा है वहीं दूसरी तरफ, शुक्र, इन सबसे बेखबर धीरे धीरे बृहस्पति के करीब जा रहा है ।मंगल ,केतु का साथ लेकर बैठा ही है ।ग्रहों के इस नजदीकी पर नजर रखने का समय ।खासकर तब, जब ये नजदीकी, तुला और मकर राशि में हो रहा हो । अक्टूबर/ नवंबर का महीना.. 1..भारत के संदर्भ में.. वित्तीय क्षेत्र में भारी उथल पुथल अक्टूबर में बाजार में भारी गिरावट ।  Regulatory authority द्वारा हस्तक्षेप का संकेत । 2..वित्त संबंधी मामले को लेकर सरकार के लिए असहज स्थिति  । 3.. भारत और वैश्विक संदर्भ में.. रक्तपात और हिंसक घटनाओं/ आगजनी की घटनाओं में तेजी ।