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Showing posts from March, 2018

ज्योतिष शास्त्र एक प्रत्यक्ष शास्त्र है

January '2017 में ही ग्रहों ने यह संकेत दिया था । Economically, पूरे विश्व की स्थिति ठीक नहीं और यह सामान्य नियम है कि Economically down जाएंगे तब Conflict बढेगा । ग्रहों ने हमें नवंबर 2015 में घट रहे घटनाओं के आधार पर यह भी संकेत दिया कि. हम पाकिस्तान और बलूचिस्तान की बात करते हैं पर 2018 में भारत आंतरिक रूप से अशांत हो जाए । राज्य दर राज्य अशांत होते जा रहे हैं ,आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं । अप्रैल का महीना भी इस अशांति, अराजकता , क्षोभ और आगजनी को कम करता हुआ नहीं दिखाता है । बाजार की अस्थिरता इस महीने भी जारी । शुक्र का भरणी नक्षत्र में प्रवेश , भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक अराजकता का समर्थन कर रहा है । खासकर 9 April को । 16 April तक मौसम भी अलग अलग रंग दिखाता हुआ । 6/7 April को प्रकृति काफी असंतुलित होती हुई । प्रकृति के असंतुलित होने के कुछ और संकेत .. 19/20 April, 14/15 May 24/25 july जगह एक प्रयास .. ( भारत और चीन के संदर्भ में ) मौसम विभाग ने इस बार अच्छे मौनसून की खबर दी है पर ग्रहों के संकेत तो कुछ और ही हैं ,below normal ...  क

रामचरितमानस के माध्यम से ज्योतिषशास्त्र को समझने का एक प्रयास ..

मानस में कई जगह हनुमान जी की चर्चा चंद्र के रूप में की गई है . एक जगह तो खुद हनुमान जी ही इसे स्वीकारते हुए कहते हैं की आका यह सेवक ही चंद्र है . सीता जी भूमि सुता हैं ,मंगल हैं . फिर मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब सीता जी मंगल हैं तो लंका दहन का काम खुद करने में सामर्थ्य हैं फिर यह काम हनुमान जी ,चंद्र के द्वारा कैसे ? आग लगाने का काम चंद्र से कैसे ?? मेरी समझ के अनुसार .. सीता ( mars ) , के आस पास हर  वक़्त त्रिजटा नाम की राक्षसी रहती है .  त्रिजटा .. saturn  अर्थात ,  मंगल और  शनि का साथ आग लगाने वाला नहीं .. हनुमान ( moon ) के साथ  राम ( sun ) का आशीर्वाद है , सीता ( mars ) का भी आशीर्वाद है .. अर्थात , चंद्र , सूर्य  और मंगल का योग आग लगाने वाला ..

ज्योतिष

ज्योतिष दो शब्दों से मिलकर बना है .. ज्योति और ईश  ज्योति .. प्रकाश .. अग्नि..  " अग्रे नयति इति अग्नि ".. हमेशा उर्घ्वमुखी होना , विकास की ओर अग्रसर होना  प्रकाश .. हमेशा शोधरत रहना और प्रमाणित शोध के आधार पर जीवन और प्रकृति के रहस्यों को उजागर करना ..  ईश ..एक अर्थ पौरुष भी  अर्थात .. जीवन और प्रकृति के रहस्यों को अपने पुरुषार्थ के द्वारा ( पहले से चली आ रही मान्यताओं को तब तक नहीं मानना जबतक की उसे हम खुद के परिश्रम से , शोध से जांच न ले ) उजागर करने की ऐसी विधा जो जीवन में हमेशा हमें उर्घ्वगामी बनाये .प्रारब्ध और भविष्य के बीच का सेतु बने .यम, नियम आसन, प्राणायाम ,प्रत्याहार ,धरना, ध्यान ,समाधि के द्वारा अपने आप को साध के धर्म ,कर्म ,आय और व्यय करने की दृष्टि प्रदान करे . व्यय का एक अर्थ मुक्ति भी .व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक की इस यात्रा को अपनी पद्धति से गति देने की इस प्रक्रिया को फिर चाहे कला कहें या विज्ञान.. नियति तो ध्रुव है ...

रामचरितमानस से ज्योतिषशास्त्र को समझने का एक और प्रयास ..

लंका दहन के समय हनुमान जी का dual mind हो जाना, दोहरी मानसिकता से गुजरना ,सीता जल जाएगी या बच जाएगी को लेकर .. हनुमान .. Moon  अर्थात्,Dual mind = Moon फिर जैसे ही राम नाम का सहारा लिया,संभल गए राम = Sun अर्थात् , हम कह सकते हैं कि , चंद्र जब सूर्य से दृष्ट हो या सूर्य की राशि में हो तो dual mindedness से बचाव .. हनुमान जी,सीता जी को याद करके दोहरी मानसिकता का शिकार होते हैं .. हनुमान = moon सीता = mars अर्थात् Moon / Mars का योग अगर दोहरी मानसिकता देने वाला है तो इस योग से सूर्य का संबंध इस मानसिकता से बाहर निकालने वाला ..

लोकसभा चुनाव

देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ये चर्चा जोरो पर है की भारत में लोकसभा चुनाव अपने निर्धारित समय से जल्दी कराये जाने की सम्भावना है . ग्रहों के क्या संकेत हैं ?? ग्यारह अगस्त के बाद चुनाव सम्बंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने का संकेत , न्यायपालिका के साथ मिलकर संबैधानिक संशोधन किये जाने का संकेत . धार्मिक उग्रता तेज होने का संकेत .धार्मिक  उन्माद की स्थिति . अप्रैल 2019 से पहले लोकसभा चुनाव की कोई स्थिति नहीं है . अगस्त से अक्टूबर '  2018    के बीच सरकार के लिए humiliating स्थिति बनेगी पर स्थिति पर नियंत्रण कर लिया जाएगा .

हवाई दुर्घटना

पिछले दिनों हुए हवाई दुर्घटना की खबर , इसका संकेत हमें ग्रहों ने पहले दिया था .  ग्रहों के संकेत के अनुसार अभी खतरा टला नहीं है .  15/16 मार्च को फिर से इस तरह के  दुर्घटना   का संकेत है . जगह कहाँ  ? जरूरत है सब को मिलकर सामूहिक प्रयास करने का ..

सरल ज्योतिष

मंगल का राशि परिवर्तन,बृहष्पति का वक्री होना,शुक्र का अतिचारी होना,बृहष्पति और शुक्र का राशि परिवर्तन, 13 मार्च तक मंगल,शनि और शुक्र का एक खास संबंध बनाना,15 मार्च को मंगल ,शनि और शुक्र के इस साथ को चंद्र,बुध और राहु का समर्थन मिलना अन्य कई बातों के अलावा मौसमी बदलाव और प्राकृतिक आपदा का संकेत दे रहे हैं ,खासकर 15 मार्च को।कई जगहों पर भारी बारिश का संकेत। जगह कहाँ ..   एक प्रयास पानी वाले स्थान ,तटीय इलाके के नजदीक रहने वाले लोगों के प्रभावित होने का संकेत । जरूरत है ,वैज्ञानिक और ज्योतिषी को ,सामूहिक रूप से, एक मंच पर आकर काम करने का ..