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Showing posts from February, 2017

RAMCHARITMANAS

कितने प्रकार के पुरूष ?? रामचरितमानस में बहुत ही सुंदर वर्णन - " संसार मह पुरूष त्रिविध पाटल रसाल पनस समा । एक सुमनप्रद एक सुमन फल एक फलइ केवल लागहीं । एक कहहिं कहहिं करहिं अपर एक करहिं कहत न बागहिं ।।"" तीन प्रकार के पुरूष - पाटल ( गुलाब ) रसल ( आम ) पनस ( कटहल ) के समान। एक सुमनप्रद , गुलाब के जैसे ( गुलाब में केवल फूल लगते हैं फल नहीं लगते ) अर्थात् सिर्फ कहते हैं करते नहीं। एक सुमन फल , आम के जैसे ( फूल और फल दोनों लगते है ) अर्थात् कहते भी हैं और करते भी हैं। एक करहिं कहत न बागहिं , कटहल के जैसे ( फूल नहीं लगते सिर्फ फल लगते हैं ) अर्थात् कहते कुछ नहीं करके दिखा देते हैं,फल दिखा देते हैं। बहुत ही सुंदर व्याख्या !!

RAMCHARITMANAS AND ASTROLOGY

रामचरितमानस के माध्यम से ज्योतिषशास्त्र को समझने का एक और प्रयास .. राम जी के राजतिलक की चर्चा सुनकर मंथरा कैकेयी के पास जाकर उन्हें अपने प्रभाव में लेती है।मंथरा के लिए तुलसीदास जी लिखते हैं "अवध साढ़ेसाती तब बोली" ।मंथरा त्रिवक्रा है अर्थात् तीन टेढ़ापन मंथरा के अंदर है। और अगर शनि की ढ़ाई ढ़ाई बरस को तीन बार मिलाएँ तो तीनों मिलाकर साढ़ेसाती हो जाता है ।कैकेयी मंथरा के प्रभाव में आती है और मंथरा की प्रशंसा करती है " बकिही सराहइ मानि मराली " कैकेयी जैसी बुद्धिमती स्त्री भी दा सी के प्रभाव में आ गई। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार -" बुध ग्रह जिस ग्रह के प्रभाव में होता है वैसा फल देता है।" यहाँ कैकेयी (बुध ),और मंथरा ( शनि ) । पर कैसा शनि ? साढ़ेसाती कह के कहीं यह संकेत तो नहीं कि जन्म समय में यदि चंद्र से एक घर आगे या पीछे बुध जब शनि के साथ हो अथवा चंद्र के साथ ही बुध और शनि हो तो ऐसा बुध घातक परिणाम देता है।

RIG VEDA

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अनंत काल से चली आ रही यात्रा और अनंत काल तक चलने वाली यात्रा के बीच की कड़ी यानि हम ,मनुष्य । ऐसे ही नहीं मिलता यह मनुष्य शरीर।इसके लिए देवी देवताओं का आवाहन किया जाता है।Rig Veda में इसका वर्णन।भगवान विष्णु( presiding deity of ether and nerve force ) प्रजापति ( the presiding deity of the ovum ),देवी सरस्वती ( goddess of intellect )देवताओं के सर्जन अश्विन ( the presiding deity of fission / cell division ).. "बहुत जतन मानुष तन पावा"

INDIAN TRADITION

भारतीय संस्कृति की बात हो तो उसमें कर्मकांड की चर्चा स्वतः ही होती है। अभी पितृपक्ष है।इसमें अपने पितरों के लिए तर्पण किया जाता है,साथ ही खीर बना कर कौओं को खिलाया जाता है। कई लोग कर्मकांडों की जमकर आलोचना करते हैं।इसे करने वालों को गँवार और पता नहीं क्या क्या समझते हैं। पहले उनलोगों को हमारे पुरखों द्वारा बनाए गए रीति रिवाजों के तह में जाकर चीजों को समझना चाहिए फिर कुछ बोलना चाहिए। कौओं का हमारे जीवन से बहुत गहरा संबंध है। पीपल और वट् वृक्ष ये दो ऐसे पेड़ हैं जिनकी महत्ता हम ारे जीवन में क्या है ,बताने की आवश्यकता नहीं है।इन दोनों पेड़ों के बीज को पहले कौए खाते हैं।पेट में उन्हें दीक्षित करके जब बाहर निकालते है ,तब उस बीज से इन दोनों पेड़ों की उत्पत्ति होती है। पीपल और बट् वृक्ष को ब्राह्मण भी इसीलिए कहा जाता है क्योंकि ये द्विज हैं । इसलिए जरूरत है अपने पुरखों द्वारा बनाए गए नियमों को समझने की, न कि आधुनिकता के होड़ में वगैर कुछ सोचे समझे अनर्गल विलाप करने की । ये सब हैं तो हम हैं।

Ramcharitmanas and Astrology

रामचरितमानस के माध्यम से ज्योतिषशास्त्र को समझने का एक और प्रयास - अहल्या की कहानी सभी को पता है। गौतम ॠषि का स्नान करने जाना,देव इंद्र का आना और बुद्धि ,विवेक ( बुध ) ने अहल्या का साथ छोड़ा ।देवराज इंद्र को ॠषि गौतम समझना और गौतम ॠषि के श्रापवश अहल्या का पत्थर हो जाना ,मूढ़ हो जाना ,फिर भगवान राम के चरण स्पर्श से वापस अपने स्वरूप में आकर गतिशील होना। ज्योतिषशास्त्र में एक योग है -" बुध और सूर्य के नजदीक होने से व्यक्ति में सभा जडता / मूढ़ता आता है। " सूर्य को अन्य कई रूपों के अलावा देव ,राजा के रूप में भी जाना जाता है। उसी तरह इंद्र को भी देव और राजा के रूप में जाना जाता है। यहाँ अहल्या के पास इंद्र देव का काम ( शुक्र) जाग्रत हुआ।अहल्या भी अविवेकी हुई।क्या यहाँ हम ऐसा कह सकते हैं कि बुध और सूर्य की नजदीकी,तुला राशि में जब हो तब सभा जडता और मूढ़ता का योग बने। भगवान राम ( सूर्य वंशी )के चरण ( मीन राशि) स्पर्श से अहल्या की मूढ़ता /सभा जड़ता का खत्म होना अर्थात् हम कह सकते हैं कि बुध और सूर्य की नजदीकी जब मीन राशि में हो तो सभा जड़ता / मूढ़ता नहीं बल्कि विवेकी होना ,गतिशील हो

Ramcharitmanas

रामचरितमानस के उत्तरकांड के शुरुआती श्लोक में से ही एक श्लोक की शुरुआत इन पंक्तियों से होती है - "कुन्दइन्दुदरगौड़सुन्दरं अम्बिकापतिमभीष्टसिद्धिदम् ।" यहाँ भगवान शिव के गौड़ वर्ण होने की बात कही गई है। कुंद - एक प्रकार का सफेद फूल इन्दु - चंद्रमा ( रंग सफेद ) दर - शंख ( रंग सफेद ) अब यहाँ प्रश्न यह उठता है कि एक ही वर्ण को समझाने के लिए इतने सारे नामों की चर्चा क्यों। ? एक नाम भी तो लिखा जा सकता था । इसमें थोड़ा और अंदर जाने का प्रयास करें तो देखेंगे - कुंद - फूल - पृथ्वी तत्व इंदु - चंद्रमा - आकाशीय तत्व दर - शंख - वायु तत्व अर्थात् अलग अलग तत्वों की चर्चा ,अलग अलग tools के द्वारा। आध्यात्मिक रहस्य हमेशा सांकेतिक होते हैं। इसी प्रकार ज्योतिषशास्त्र में भी एक ही चीज़ को समझने के लिए हमारे पास कई अलग अलग tools हैं ,जो एक दृष्टि में तो सामान्य से दिखते हैं पर जब उसके भीतर प्रवेश करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं तो ये अपने अंदर से संभावनाओं का पिटारा खोल देते हैं।

EARTHQUAKE

पूरे उत्तर भारत में भूकंप का झटका।रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.3 क्या खतरा टल गया ? 10/11 फरवरी को और 26/27 फरवरी को ग्रहों के बीच फिर से एक खास प्रकार का कोणीय संबंधी बन रहा है।इस बार जान माल का नुकसान भी होने का संकेत मिलता है।

INDIA

चुनावी सरगर्मी के बीच कल से यानि 3 फरवरी से भारत की दशा बदल रही है,चंद्र / राहु।भारत की कुंडली के लग्न में राहु,त्रिशांश के लग्न में राहु,मंगल से दृष्ट।देश के स्वास्थ्य के प्रतिकूल दशा की शुरुआत। इसी बीच,7 फरवरी को,चंद्र,मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और गोचरीय राहु का राश्याधिपति सूर्य 9 फरवरी को लग्न की कक्षा में प्रवेश करेगा। चंद्र के मिथुन राशि में गोचर और सूर्य का लग्न की कक्षा से गोचर के समय मंगल भी मीन राशि में ,शुक्र की कक्षा में जाएगा । 9 से 14 फरवरी के बीच ,देश की आंतरिक अस्थिरता और सीमा पर हिंसक गतिविधियों में तेजी ,(खासकर 9 फरवरी शाम चार बजे के बाद और 12 फरवरी को रात आठ बजे तक )का संकेत है। इसी के साथ ही साथ 6 तारीख को बृहष्पति वक्री हो रहा है 11:06 बजे। शाम 21:06 के बाद चंद्रमा /मंगल /बुध /राहु /बृहष्पति और शुक्र एक अजीब से गठबंधन में जा रहे हैं।क्या संकेत है ? राजनैतिक दलों के बीच न सोचा जा सकने वाला गठबंधन .. मौसम में बहुत ज्यादा उथल पुथल ... भूकंप ...

विधानसभा चुनाव

चुनावी सरगर्मी तेज है। Opinion poll की भरमार है। अब ग्रहों के क्या संकेत हैं ? उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के लिए " कठिन डगर पनघट की " .. पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच काँटे का मुकाबला।पर कांग्रेस मजबूत ,AAP के लिए आत्मघाती ..